पाकिस्तान यानी वह जगह जो पूरी तरह पाक है।
लेकिन पूरी दुनिया जानती है कि इससे भी ज्यादा नापाक दुनिया कोई नहीं है।
पाकिस्तान की स्थापना जब हुई तो मोहम्मद अली जिन्ना इसके राष्ट्रपिता बने यह वही मोहम्मद अली जिन्ना है जो कभी हिंदू हुआ करते थे और धर्म परिवर्तन करके यह मुसलमान बने थे।
इन्होंने एक अलग देश यानी इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ पाकिस्तान की स्थापना के लिए पूरे भारत भर में हिंदू मुसलमानों के बीच दंगे करवाए तथा सदियों से चली आ रही हिंदू मुसलमानों की मिश्रित सभ्यता का खात्मा किया।
सही मायने में कहा जाए तो मोहम्मद अली जिन्ना एक भटका हुआ हिंदू था जिसने अपने जैसे करोड़ों भटके हुए हिंदुओं को मुस्लिम तथा मुस्लिम राष्ट्र की स्थापना के लिए भड़काया।
मुस्लिम राष्ट्र की स्थापना के बाद मोहम्मद अली जिन्ना ने जमकर कत्लेआम करवाया।
मोहम्मद अली जिन्ना ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का भी उतना ही हक है जितना कि मुसलमानों का लेकिन कहने की बात तो सिर्फ कहने की होती है करने की बातें कुछ और ही थी।
आजादी के तुरंत बाद ही हिंदुओं , सिखों, ईसाइयों तथा यहूदियों का सरेआम कत्लेआम किया जाने लगा इनकी जमीन , जायदाद, हीरे ,मोती , जवाहरात तथा किसी भी तरह की धनराशि को लूट लिया गया।
लाखों हिंदुओं सीखो ईसाइयों और यहूदियों की औरतों को गुलाम बनाया गया इन औरतों ने क्या दुख दर्द नहीं झेला ।
लाखों औरतों की इज्जत लूटी गई इनके साथ बलात्कार किया गया इनके गर्भ में पल रहे बच्चों को मारा गया ।
बच्चा हो या बूढ़ा किसी भी तरह के मर्द को जीने नहीं दिया गया इनको हलाल कर इनकी हत्या की गई। यह सारा तमाशा सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान में हुआ और भारत सरकार चुप चाप इस नरसंहार को देखते रहे भारत में गांधी तो गांधी बने रह गए लेकिन जिन्ना हैवान बन के सब की हत्या करवाता गया जिन्ना ने प्रण ले रखा था कि वह एक भी हिंदू सीख यहूदी ईसाई किसी को भी जीने नहीं देगा केवल और केवल यह देश मुसलमानों का रहेगा मोहम्मद अली जिन्ना के सनक इतनी भारी थी कि वह एक भी हिंदू बच्चे को जिंदा नहीं देखना चाहता था लाखों लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया हिंदुओं को पूरी तरह मिटाने के बाद अगला निशाना सिख्ख भाई थे सिख्खों की आबादी पंजाब में 30% तक थी जिसे मात्र 3 महीने में 0.01% तक कम कर दिया गया करोड़ों सिख मुसलमान बन गए करोड़ों सिखों को जान से मार दिया गया लाखों विस्थापित होकर भारत आ गए सिखों को उन्हीं की जमीन से बाहर कर दिया गया।
लेकिन इतना सब होने के बावजूद भारत सरकार क्या कर रही थी क्या भारत की डरपोक सरकार केवल और केवल अपना हित साधने में लगी थी या फिर कहे भारत में रह रहे कुछ मुस्लिम परस्त लोग भारत को किसी भी तरह की कार्यवाही से रोक रहे थे क्या भारत चुपचाप बैठ कर यह सब तमाशा देखता रहा।
आजादी के 70 साल बाद भी पाकिस्तान में हिंदुओं का कत्लेआम उनका धर्म परिवर्तन जारी है पाकिस्तान के हिंदुओं को ना तो वहां नौकरी मिलती है ना ही उन्हें वहां पढ़ने के लिए स्कूल है पाकिस्तान में हिंदुओं को मौत से बदतर जिंदगी जीनी पड़ रही है और इस सब के लिए भारत की सरकार ही जिम्मेदार है क्योंकि भारत में रहने वाले 100 करोड़ हिंदुओं को जाति धर्म उसके रंग-रूप उत्तर भारतीय दक्षिण भारतीय हर तरह से तोड़ा गया था कि हिंदू कभी एक ना हो सके।
पाकिस्तान में तालिबान उग्रवाद के उद्भव ने और धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध पाकिस्तान में भेदभाव ने हिंदुओं, ईसाइयों, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों के विरुद्ध एक प्रभावशाली और उत्पीड़न के घटक में वृद्धि कर दी।
जुलाई 2010 में, कराची में लगभग 60 अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के सदस्यों पर आक्रमण किया गया और अपने उन्हें अपने घरों से निष्कासित किये गये।एक दलित हिंदू युवा इस्लामी मस्जिद के समीप स्थित नल से पानी पी रहा था अतः ये घटना हुई थी। जनवरी 2014 में, एक हिंदू मंदिर के द्वार पर द्वारपाली करते हुए एक पुलिसकर्मी की पेशावर में हत्या कर दी गई थी।
हिन्दू धर्म के लोगो को एक राष्ट्रीय हास्य कार्यक्रम में "हिन्दू कुत्ता" कहा गया और उस टिप्पणी पर कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोग ठहाके लगा कर हँस पडे़।इस कृत्य की समाचार पत्रों में निन्दी भी हुई। पाकिस्तान के ही हसन रजा नामक कोमेन्टेटर ने राष्ट्रिय कार्यक्रम में हिन्दुओँ को कुत्ता कहने पर ट्वीट करते हुए कहा -
"हिन्दू कुत्ता" नारे के सम्बन्ध में भारतीय राजदूत भी अपने को हिन्दू कुत्ता बोले जाने की बात करते हैं।
Comments
Post a Comment